जयपुर। अनुसूचित जाति जनजाति अत्याचार अधिनियम में गिरफ्तारी के मामले में उच्चतम न्यायालय के फैसले के खिलाफ दो अप्रैल को किये गये बंद के दौरान गिरफ्तार कार्यकर्ताओं को रिहा करने, शहीदों के परिजनों को सरकारी नौकरी देने तथा कठुआ एवं उन्नाव के बलात्कारियों के खिलाफ