उर्दू अकादमी बनाएगी मीडिया कर्मी

- रेडियो जॉकी व रेडियो टेक्नोलॉजी नाम से 15 को शुरू होगा पाठ्क्रम
- तीन महीने में सिखाएं जाएंगे रेडियो जॉकी बनने की विद्या
रेडियो, ड्रामा, लेखन एवं रंगमंच के देश स्तरीय विशेषज्ञ होंगे कोर्स के मुख्य प्रशिक्षक अनवाल हसन, उर्मिल कुमार थपलियाल, ललित सिंह पोखरियाल, फैसल रियाज़, राजा अवस्थी वगैरह कला, मीडिया एवं रेडियो जगत की नामचीन हस्तियां होंगी प्रशिक्षक मंडल मेंतीन महीने का होगा पाठ्यक्रमपाठ्यक्रम के बाद अगले 6 महीने तक मिलेगी जॉब असिस्टेन्स
लखनऊ। गोमती नगर स्थित उत्तर प्रदेश उर्दू अकादमी 15 फ़रवरी से मीडिया क्षेत्र में व्यवसायिक प्रशिक्षण के उद्देश्य से त्रैमासिक मीडिया कोर्स की शुरुआत उर्दू मीडिया सेन्टर के माध्यम से करने जा रही है। सोमवार को अकादमी के कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता में ये बात अकादमी के मीडिया कोऑर्डिनेटर आलोक श्रीवास्तव ने कही। इस अवसर पर अकादमी की अध्यक्ष पद्मश्री प्रो. आसिफा ज़मानी ने कहा की भारत के नव पीढ़ी को रेडियो क्षेत्र में आगे लाने के लिए किसी प्रकार से उन्हें पूर्ण व्यवहारिक पाठ्यक्रम के अनुरूप रेडियो की चुनौतियों, रचनात्मकता व नए प्रयोगों के माध्यम से संवारने का प्रयास किया जाएगा।
कोर्स के अनुसार छात्र-छात्राओं को ब्राडकास्टिंग, स्टूडियो उपकरणों, आउटडोर रिकॉडिर्ंग जैसे विषयों पर व्यवहारिक ज्ञान के साथ- साथ रेडियो फॉम्रेट्स, विद्या लेखन, रेडियो अभिनय, कामर्शियल तथा विज्ञापन निर्माण के क्षेत्र में निपुण करना अकादमी का मुख्य उद्देश्य है। इस अवसर पर एआईआर एफएम रेनबो के अनवारुल हसन ने कहा कि रेडियो में माडल कोड ओड कंडक्ट का महत्व आज के माहौल में बताना जरूरी है क्योंकि रेडियो में क्या नहीं बोलना है और क्या बोलना है इसकी समझ होना बहुत जरूरी है। उर्दू अकादमी जल्द ही अपना इंटरनेट रेडियो भी शुरू करने जा रही है जो कि एक क्रांतिकारी कदम है। इस अवसर पर श्री ललित सिंह पोखरियाल, फैसल रियाज़, राजा अवस्थी ने भी अपने-अपने विचार कार्यक्रम में उपस्थित लोगों के समक्ष रखे।पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए ललित सिंह पोखरियाल ने कहा कि आज का युवा वर्ग को भाषा के उच्चारण पर काम करने की विशेष आवश्यकता है, क्योंकि शब्दों का सही उच्चारण ही आपके विचारों को लोगों के समक्ष शुद्ध एवं प्रत्यक्ष रूप में रखता है।